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संसद का शीतकालीन सत्र का होगा आगाज, विपक्ष सरकार को कई मुद्दों पर घेरने की करेगी कोशिश

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संसद का शीतकालीन सत्र आज यानी सोमवार से शुरू हो रहा है. इस सत्र में सरकार का जोर नागरिकता संशोधन विधेयक समेत कई अहम बिल पास कराने पर होगा. दूसरी ओर विपक्ष आर्थिक सुस्‍ती, कृषि संकट और बेरोजगारी के मसले पर सरकार को घेरने की तैयारी में है. यही नहीं विपक्ष राफेल सौदे की जांच के लिए जेपीसी के गठन और महाराष्ट्र के मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा कराने की मांग भी कर सकता है.

सत्र की शुरुआत से पहले पीएम मोदी ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि साल 2019 का यह आखिरी सत्र बेहद महत्‍वपूर्ण रहने वाला है. हम सभी मुद्दों पर विपक्ष के साथ सार्थक चर्चा चाहते हैं. संवाद हो, हर कोई अपने विवेक के जरिए सदन को सार्थक बनाने में मदद करे. प्रधानमंत्री ने कहा कि सकारात्मक भूमिका वाला पिछला सत्र महत्‍वपूर्ण सिद्धियों से भरा रहा था. हमें उम्मीद है कि इस सत्र से भी बेहद सकारात्मक नतीजे निकलेंगे. हम चाहते हैं कि सभी मुद्दों पर चर्चा हो.

शीतकालीन सत्र में लोकसभा की 20 बैठकें प्रस्तावित हैं. इस सत्र में सरकार दोनों सदनों में कई अहम बिल पेश कर सकती है. इनमें राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने, कॉमन सिविल कोड, नागरिकता संशोधन, ई सिगरेट, चिट फंड संशोधन, मेडिसिन बिल, होम्योपैथी बिल, सरोगेसी बिल, डैम सेफ्टी बिल, नदियों के पानी बंटवारे का बिल, आर्म्स बिल, जुवेनाइल जस्टिस बिल, नेशनल पुलिस यूनिवर्सिटी बिल, डिजास्टर मैनेजमेंट बिल, पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल, द मेडिकल टर्मिनेशनल ऑफ प्रेगनेंसी बिल, एयर क्राफ्ट बिल, इंडियन मेडिकल काउंसिल बिल प्रमुख हैं.

शीत सत्र: 43 बिल पेंडिंग, 12 मानसून सत्र के बिल

फिलहाल संसद में 43 बिल पेंडिंग हैं. 12 बिलों को सदन के ध्यानार्थ रखा जाना है. यह मानसून सत्र के पेंडिंग बिल हैं. 7 बिलों की लिस्टिंग विडॉ करने के लिए हुई.27 बिलों का इंट्रोडक्शन होना है.

सरकार की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्ष को भरोसा दे चुके हैं कि सरकार सदन के नियमों व प्रक्रियाओं के दायरे में सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है. सूत्रों की मानें तो 18 नवंबर से 13 दिसंबर तक चलने वाले इस सत्र में सरोगेसी (रेगुलेशन) बिल, ई-सिगरेट पर पाबंदी समेत 47 बिल एवं प्रस्ताव संसद में रखे जाने हैं। बता दें कि पिछला सत्र लोकसभा के इतिहास में सबसे सफल सत्र रहा था. इस दौरान 35 विधेयक पारित हुए थे और राज्यसभा से 32 विधेयकों को मंजूरी मिली थी.