लम्बी बीमारी और मानसिक मानसिक अस्वस्थता के बाद पूरी दुनिया में देश का नाम रोशन करने वाले महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण का पिछले दिनों निधन हो गया. उनके निधन के बाद बिहार की सियासत गर्म हो गई है. गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण के परिजनों ने आरोप लगाया था कि अस्पताल प्रशासन उन्हें सही समय पर एंबुलेंस तक नहीं उपलब्ध करा सका था इस मामले को लेकर आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने बिहार सरकार पर हमला बोला है.
बिहार की मौजूदा सरकार पर निशाना साधते हुए लालू ने कहा कि बिहार गौरव और हमारी सांझी धरोहर महान गणितज्ञ आदरणीय डॉ. वशिष्ठ नारायण सिंह जी के निधन की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ. मौत सबको एक ना एक दिन आनी ही है, लेकिन मरणोपरंत जिस प्रकार उनके पार्थिव शरीर के साथ असंवेदनशील नीतीश सरकार द्वारा जो अमर्यादित सलूक किया गया वह निंदनीय है.
क्या बड़बोली डबल इंजन सरकार उस महान विभूति को एक ambulance तक प्रदान नहीं कर सकती थी?
मीडिया में बदनामी होने के बाद क्या किसी के पार्थिव शरीर को सड़क बीच रोककर उसे श्र्द्धांजलि देना एक मुख्यमंत्री को शोभा देता है? क्या अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान CM उन्हें कभी देखने गए?
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) November 15, 2019
एक अन्य ट्वीट में लिखा गया, “क्या बड़बोली डबल इंजन सरकार उस महान विभूति को एक एंबुलेंस तक प्रदान नहीं कर सकती थी? मीडिया में बदनामी होने के बाद क्या किसी के पार्थिव शरीर को बीच सड़क रोककर उन्हें श्रद्धांजलि देना एक मुख्यमंत्री को शोभा देता है? क्या अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान मुख्यमंत्री उन्हें कभी देखने गए?”
हमारे कार्यकाल में मैंने उनका अच्छे से अच्छे अस्पताल में इलाज करवाया। उनकी सेवा करने वाले पारिवारिक सदस्यों को सरकारी नौकरी दी, ताकि वो पटना में उनकी अच्छे से देखभाल कर सकें।
महान गणितज्ञ आदरणीय डॉ. वशिष्ठ बाबू को कोटि-कोटि नमन और विनम्र श्र्द्धांजलि।https://t.co/wY2jbixsAl
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) November 15, 2019
एक अन्य ट्वीट में लालू प्रसाद ने राजद सरकार द्वारा सिंह के अच्छे अस्पताल में इलाज करवाने का दावा करते हुए कहा, “हमारे कार्यकाल में मैंने उनका अच्छे से अच्छे अस्पताल में इलाज करवाया. उनकी सेवा करने वाले पारिवारिक सदस्यों को सरकारी नौकरी दी, ताकि वो पटना में उनकी अच्छे से देखभाल कर सकें. महान गणितज्ञ आदरणीय डॉ. वशिष्ठ बाबू को कोटि-कोटि नमन और विनम्र श्रद्धांजलि.’