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मरने वालों को भी नहीं छोड़ रही योगी पुलिस, 6 साल पहले मर चुके शख्स को भेजा नोटिस

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उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ होने वाले विरोध प्रदर्शन और हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद बड़े पैमाने पर सरकारी और निजी संपत्ति को नष्ट कर दिया गया था. जिसके बाद योगी सरकार ने आदेश दिया था कि सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों की पहचान कर उन्हें नोटिस देकर पैसा की भरपाई की जाए. जिसके बाद योगी सरकार पर और उनकी पुलिस पर आरोप भी लग चुके थे कि पुलिस मनमाने तरीके से लोगों को नोटिस भेज रही है. ये आरोप था लेकिन जो खबर सामने आ रही है वह इस आरोप को हकीकत में बदल रही है.

मामला है पश्चिमी उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद का जहां 20 दिसंबर को हुई झड़पों में चार लोगों की मौत हो गई. लगभग 35 मामले हिंसा पर दर्ज किए गए, इनमें 29 लोगों का नाम थे. 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया और फिरोजाबाद पुलिस ने उन्हें जेल में डाल दिया. हिंसा थमने के बाद, स्थानीय पुलिस ने कम से कम 200 लोगों को नोटिस भेजकर यह साबित करने के लिए कहा कि वे क्षेत्र में शांति के लिए खतरा नहीं होंगे. इन्हीं में एक नोटिस बन्ने खान के नाम पर भी भेजा गया, जिनकी मृत्यु छह साल पहले 94 वर्ष की आयु में हुई थी.

90 के उम्र वाले दो अन्य व्यक्तियों को भी नोटिस भेजा गया. 93 वर्षीय फसाहत मीर खान, जो महीनों से बिस्तर पर पड़े है और 90 वर्षीय सूफी अंसार हुसैन, जो निमोनिया से पीड़ित हैं, जो हाल में ही दिल्ली के एक अस्पताल से इलाज के बाद वापस लौटे हैं. दोनों को पुलिस द्वारा नोटिस मिले हैं.

मामले को लेकर कांग्रेस नेता धर्म सिंह यादव ने कहा कि थाना दक्षिण क्षेत्र मोहल्ला कोटला निवासी बन्ने खां की मृत्यु छह वर्ष पूर्व हो चुकी है जबकि फसाहत मीर खां और सूफी अंसार हुसैन वयोवृद्ध हैं जिनकी उम्र 90 वर्ष से अधिक है. वे अस्वस्थता के कारण चल फिर भी नहीं सकते हैं. उन्होंने कहा कि जब मामला नगर मजिस्ट्रेट कुंवर पंकज के संज्ञान में लाया गया तो उन्होंने मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया.